Monday 27 February 2017

चाहत

तुमसे इश्क करना चाहता हूँ
तुम्हारी बाँहों में दिन गुजारना चाहता हूँ ।
गर हो यकी मेरी वफ़ा का
तो मैं तुम्हारे हिस्से से कुछ हसीं पल चुराना चाहता हूँ ।।
     
      अवधेश

Thursday 23 February 2017

इश्क

मैंने कर लिया फैसला न किसी से इश्क करूँगा
बस फर्ज अदा करूँगा न कभी वफा करूँगा

                    अवधेश सोनकर

Tuesday 21 February 2017

तुझसे कितनी मुहब्बत है

तुझसे कितनी मुहब्बत है कभी  कह न सकूँगा
तेरे दिए हुए जख्मो को दिल में बसा लूँगा ।
तू मेरी मेरी अमानत है  कही भी जाये
तेरे लिए अपनी हर खुसी लूटा दूँगा ।।
        
        अवधेश सोनकर

Monday 20 February 2017

तेरे होंठो पर

तेरे होंठो पर मेरा नाम आये ना आये
तेरी सांसों में मेरा जिक्र आये ना आये l
मुझे रहेगा इंतजार तेरा सदियों तक
जमीं पर चाँद आये ना आये ll
                      
                       अवधेश

Sunday 19 February 2017

उसने मुझे डुबो दिया l

इतनी खूबसूरती से उसने मुझे डुबो दिया l
पतवार चलाना आया न उसको 
और कस्ती को दोस दिया ll

अवधेश सोनकर 

तलाश में दर बदर

फिरते रहे हम जिसकी तलाश में दर बदर
ना था मालूम की वो बैठा है मेरे अंदर l
छले गए दुनिया से हम इस कदर
बरसो पत्थर को पूजते रहे भगवान् समझकर ll
अवधेश

ऐतबार करे भी तो क्या करें

लोगों का ऐतबार करे भी तो क्या करें 
जब अपनी आँख का आंसू भी अपना ना रहा । 

अवधेश

हवा का एक झोंका था

हवा का एक झोंका था 
शायद तेरा प्यार ।
जो लम्हा बनकर आया
और एक पल में गुजर गया ।।
प्यार नही था दिल में

या ऐतबार न था मुझपर ।
ऐसी क्या खता हो गयी मुझसे
जो तू खुद से मुकर गया ।।
सोचता हूँ सुनाऊ किस्सा तुम्हें
हाल -ऐ - दिल का अपने ।
पर मैं तेरी बेरुखी से डर गया ।।
कह ना सका मैं तुझसे
दास्तान - ऐ -मुहब्बत अपनी ।
दर्द था जो सीने में
वो कतरा बनकर आँखों में भर गया ।। 


अवधेश सोनकर